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Labor Day Poem In Hindi || मजदुर दिवस पर कविताये

labour day poem in hindi:- नमस्कार, दोस्तों आज हम आप सभी के लिए मजदुर दिवस पर कविताओं का एक शानदार संग्रह आपके साथ शेयर करने जा रहे है। जैसा की आप सभी जानते है। की मजदुर दिवस की शुरुआत 1 मई 1886 को अमेरिका के एक मजदुर आंदोलन में हुई जिसका प्रमुख उदेश्य था की मजदूरों को शोषण मुक्त करना। अर्थात उन्होंने ज्यादा काम न करवाना उनहोसे काम करवाने का समय निश्चित करना। तो आइये जानते है मजदुर पर कुछ लोकप्रिय कविताएं। हमे उम्मीद है आपको ये कविताये जरूर पसंद आएगी। 

Labor day poem in hindi – मजदुर दिवस पर कविताये

Poem on majdur in hindi

दुनिया जगर-मगर है कि मज़दूर दिवस है

चर्चा इधर-उधर है कि मज़दूर दिवस है


मालिक तो फ़ायदे की क़वायद में लगे हैं

उन पर नहीं असर है कि मज़दूर दिवस है


ऐलान तो हुआ था कि घर इनको मिलेंगे

अब भी अगर-मगर है कि मज़दूर दिवस है


साधन नहीं है कोई भी, भरने हैं कई पेट

इक टोकरी है, सर है कि मज़दूर दिवस है


हाथों में फावड़े हैं ‘यती’ रोज़ की तरह

उनको कहाँ ख़बर है कि मज़दूर दिवस है

Poem on majdur diwas in hindi

जिसके कंधो पर बोझ बढ़ा

वो भारत माँ का बेटा कौन।

जिसने पसीने से भूमि को सींचा

वो भारत माँ का बेटा कौन।

वह किसी का गुलाम नहीं

अपने दम पर जीता हैं।

सफलता एक एक कण ही सही

लेकिन है अनमोल जो मज़दूर कहलाता हैं।

Labor day poem – मजदुर दिवस के लिए कविता 

मैं एक मजदूर हूँ, ईश्वर की आंखों से मैं दूर हूँ।

छत खुला आकाश है, हो रहा वज्रपात है।

फिर भी नित दिन मैं, गाता राम धुन हूं।

गुरु हथौड़ा हाथ में, कर रहा प्रहार है।

सामने पड़ा हुआ, बच्चा कराह रहा है।

फिर भी अपने में मगन, कर्म में तल्लीन हूँ।

मैं एक मजदूर हूँ, भगवान की आंखों से मैं दूर हूँ।

आत्मसंतोष को मैंने, जीवन का लक्ष्य बनाया।

चिथड़े-फटे कपड़ों में, सूट पहनने का सुख पाया

मानवता जीवन को, सुख-दुख का संगीत है।

मैं एक मजदूर हूँ, भगवान की आंखों से मैं दूर हूँ।

मजदुर दिवस पर एक कविता


जिसके कंधो पर बोझ बढ़ा

वो भारत माँ का बेटा कौन।

जिसने पसीने से भूमि को सींचा

वो भारत माँ का बेटा कौन।

वह किसी का गुलाम नहीं

अपने दम पर जीता हैं।

सफलता एक एक कण ही सही

लेकिन है अनमोल जो मज़दूर कहलाता हैं।

Poem on labour day hindi me


दुनिया जगर-मगर है कि मज़दूर दिवस है

दुनिया जगर-मगर है कि मज़दूर दिवस है

चर्चा इधर-उधर है कि मज़दूर दिवस है

मालिक तो फ़ायदे की क़वायद में लगे हैं

उन पर नहीं असर है कि मज़दूर दिवस है

ऐलान तो हुआ था कि घर इनको मिलेंगे

अब भी अगर-मगर है कि मज़दूर दिवस है

साधन नहीं है कोई भी, भरने हैं कई पेट

इक टोकरी है, सर है कि मज़दूर दिवस है

हाथों में फावड़े हैं ‘यती’ रोज़ की तरह

उनको कहाँ ख़बर है कि मज़दूर दिवस है

Labor day poem in hindi:- दोस्तों में आशा करता हूँ की आपको हमारी पोस्ट मजदुर दिवस पर लिखा लेख पसंद आया होगा। आप ये सभी कविताये मजदुर दिवस पर सभी मजदुर भाइयो को जरूर शेयर करना। उन्होको बेहद खुसी होगी। और है हमरी पोस्ट को इतना सारा प्यार देने के लिए आप सभी का धन्यवाद। 

Nishant

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