Poems on River in Hindi || नदी पर शानदार कविताएं
Poems on River in Hindi :- दोस्तों आज हम आपके लिए नदियों पर कविता कलेक्शन लाये है इस आर्टिकल में आपको नदियों पर कविताये देखने को मिलेगी। हमारे देश में ऐसी कई नदिया है जो काफी सालो से स्वतंत्रता पूर्वक बह रही है कुछ नदिया ऐसी भी है तो महाभारत समय से आज तक धरती पर प्रव्हा हो रही है जैसे :- गंगा, ब्रह्मपुत्र, कृष्णा, गंगोत्री, आदि ऐसे कई नदिया है ऐसी ही कुछ नदियों पर आज हम कुछ शानदार कविताएं लाये है। में आशा करता हूँ की आपको हमारी पोस्ट पसंद आएगी।
poems on river in hindi – नदियों पर कविता
Best poems on ganga in hindi-
मैं नदी हूं
हिमालय की गोद से बहती हूं
तोड़कर पहाड़ों को अपने साहस से
सरल भाव से बहती हूं।
लेकर चलती हूं मैं सबको साथ
चाहे कंकड़ हो चाहे झाड़
बंजर को भी उपजाऊ बना दू
ऐसी हूं मैं नदी।
बिछड़ों को मैं मिलाती
प्यासे की प्यास में बुझाती
कल-कल करके में बहती
सुर ताल लगाकर संगीत बजाती।
कहीं पर गहरी तो कहीं पर उथली हो जाती
ना कोई रोक पाया ना कोई टोक पाया
मैं तो अपने मन से अविरल बहती
मैं नदी हूं।
मैं नदी हूं
सब सहती चाहे आंधी हो या तूफान
चाहे शीत और चाहे गर्मी
कभी ना रूकती, कभी ना थकती
मैं नदी सारे जहां में बहती।
River poem in hindi
नदी ओ नदी
नदी ओ नदी कहां बढ़ चली
जरा तो ठहर पहर दो पहर
नदी ओ नदी कहां बढ़ चली।
क्यों है इतनी तू बेसबर
जरा तो ठहर पहर दो पहर
कोई फूल-बूटा तो हरित हो सके
कोई जीव जरा तो तृप्त हो सके।
जानते है तुझे जाकर मिलना है सागर से
कुछ जल भर तो ले कोई एक गागर से
जा के मिली तुम सागर से मतवाली
उसी में समाकर जीवन गुजारो।
अब जानते हैं नदी हो नदी तुम
मिल कर सागर से सागर ही कहलाओ।
Nadi Par Kavita
कलकल बहती जाती नदियाँ।
जानें बीती कितनी सदियाँ।।
मीठा जल भरकर ये लाती।
जनजीवन खुशहाल बनाती।।
और बाढ़ जब-जब भी आए।
मिट्टी को उपजाऊ बनाए।।
मिलता सबको निर्मल पानी।
नदियों से ही है जिनगानी।।
अति उपयोगी जल की धारा।
जीव जंतु का यही सहारा।।
Nadi Poem In Hindi
नदी निकलती है पर्वत से,
मैदानों में बहती है.
और अंत में मिल सागर से,
एक कहानी कहती है.
बचपन में छोटी थी पर मैं,
बड़े वेग से बहती थी.
आँधी-तूफान, बाढ़-बवंडर,
सब कुछ हँसकर सहती थी.
मैदानों में आकर मैने,
सेवा का संकल्प लिया.
और बना जैसे भी मुझसे,
मानव का उपकार किया.
अंत समय में बचा शेष जो,
सागर को उपहार दिया.
सब कुछ अर्पित करके अपने,
जीवन को साकार किया.
बच्चों शिक्षा लेकर मुझसे,
मेरे जैसे हो जाओ.
सेवा और समर्पण से तुम,
जीवन बगिया महकाओ.
Poem on River in hindi
बहता है नदिया का पानी
इठलाता सा बलखाता सा
झूम झूम कर लहराता सा
कहता है ये कोई कहानी
शहर शहर हो या गांव गांव
या फिर हो कोई कच्ची ढाणी
बहता है नदिया का पानी
हिमखंडो को ये पिघलाकर
तूफानों को पीठ दिखाकर
टेढ़ी-मेढ़ी धार बनाकर
करता है अपनी मनमानी
बहता है नदिया का पानी
कल कल करके बहता जाता
राग कोई ये नया सुनाता
मिट्टी को उपजाऊ बनाता
प्यासो की ये प्यास बुझता
दूर करकरे सारी परेशानी
बहता है नदिया का पानी
Poem About River in Hindi
Poem About River in Hindi:-Rivers has been an important part of our country for many years. Poem on River in Hindi They are a vital part of our ecosystem, and they provide us with essential resources like water and hydroelectric power. Today, we are going to share some beautiful poems about this Nadi poem in Hindi. We hope you enjoy them!
तो दोस्तों आजकी हमारी poems on river in hindi पर लिखा नदी पर कविता लेख आपको केसा लगा। अगर आपको हमारी कोई भी कविता पसंद आई है तो आप हमे कमेंट बॉक्स में बता सकते है। और हां हमरी पोस्ट को इतना प्यार देने के लिए आपका धन्यवाद।