Hindi Poem on Birds | पक्षियों पर जोरदार कविताएं
नमस्कार, दोस्तों आज हम आप सभी के लिए हमारी पोस्ट पर Hindi Poem on Birds पर आर्टिकल लाये है इस आर्टिकल में आप सभी को पक्षियों के बारे में शानदार रोचक कविताएं देखने को मिलेगी जिसे आप अपने स्कूल या कॉलेज प्रोजेक्ट में भी उपयोग कर सकते हो। आप सभी अच्छी तरह से जानते है की जब हम सुबह उठते है तो पक्षियों की मधुर आवाज जब हमारे कानो में जब पड़ती है तो हमारा दिन ही नहीं मन भी खुसी से झूम उठता है।
ये सभी कविताएं महान रचनाकार वे प्रसिद्ध कविओ के दुआरा लिखी गई है इन कवियों ने पक्षीयो को आधार मानकर पक्षियों की छवि का एक सुन्दर वर्णन कविताओं के माध्यम से किया है। में उम्मीद करता हूँ की आपको ये पोस्ट बेहद पसंद आएगी।
Hindi Poem on Birds in Hindi – पक्षियों पर हिंदी कविता
जुबाँ पे शब्द नही,
पर दिलों में अहसास तो होता है।
पंक्षियों का कोई घर नही,
पूरा आसमाँ तो होता है।
तिनका-तिनका चुनकर घोंसला बनाते है।
अक्सर पेडों पर अपना आशियाना सजाते है।
तेज हवाएँ उड़ा ले जाती है उनका घोंसला,
पर नही ले जा सकती उनके मन का हौंसला।
फिर से चुनते है, फिर से बुनते हैं,
अपने बच्चों को जीवन देते है।
क्यों नही सीखते हम उनसे ये सब,
आपस में हम लड़ते रहते हैं।
मेरा मेरा करके न जाने क्यों जलते रहते है।
हमसे अच्छे तो ये पक्षी है।
निःशब्द रहकर बहुत कुछ कहते हैं।
जीवन तो इनका जीवन है,
हम तो बस यूँ ही जीकर मरतें रहते हैं।
Short Poem On Birds In Hindi | पक्षियों पर कविता
दिशाहीन यह मन पंछी सा
आस की टहनी पर जब बैठा।
जग मकड़ी के जैसे आकर
पंखों पर इक जाल बुन गया।
सूरज की सतरंगी किरणें
ख़्वाव दिखा कर चली गईं।
सांझ ढली, सूरज डूबा
मैं जग के हाथों हार गया।
Chidiya Ke Upar Kavita | चिड़िया पर कविता
काश मैं भी एक पंछी होती,
तो मेरे लिए आसमान में,
कोई सीमा नहीं होती,
काश मैं भी एक पंछी होती,
फिर इन पंछियो की तरह में भी आज आजाद होती,
काश मैं भी एक पंछी होती,
जो अपने हौसले बुलंदकर,
आसमान में बेखौफ उड़ सकती,
काश मैं भी एक पंछी होती|
Best Poem Of Bird In Hindi
कलरव करती सारी चिड़िया,
लगती कितनी प्यारी चिड़िया
दाना चुगती, नीड बनाती,
श्रम से कभी न हारी चिड़िया
भूरी, लाल, हरी, मटमैली,
श्रंग-रंग की न्यारी चिड़िया
छोटे-छोटे पर है लेकिन,
मीलो उड़े हमारी चिड़िया
New Poem Of Bird In Hindi
कभी पेड़ पर कूदती,
कभी पानी में नाचती,
छोटी-छोटी लकड़ियों से यह अपना घर बनाती,
ना ही किसी को सताती,
ना ही किसी को रुलाती,
अभी चेचाहट से सबको सुबह उठाती,
फिर भी ना जाने क्यों,
पिंजरे में कैद पायी जाती|
पक्षी पर हिंदी में कविता-
पेड़ों पर कूदती है कभी,
और कभी पानी में नहाती।
कभी तो पंखों को फैलाकर अपने,
दूर आसमाँ में उड़ जाती।
ओ री चिड़िया!
क्यों? डरती हो मुझसे,
पास क्यों नही आती ?
अगर मैं पास तुम्हारे आती,
झट से क्यों आसमाँ में उड़ जाती।
शायद ये पेड़ और पक्षी है तुम्हारे सच्चे मित्र,
इसीलिए तो ये प्रकृति ही,
तेरे मन को भाती।
मुझे पूरी उम्मीद है की आपको हमरा आर्टिकल Hindi Poem on Birds पर लिखा लेख पसंद आया होगा ये लेख हमने ख़ास तोर पर छोटे बच्चो के लिए लिखा ही क्योकि उन्होको स्कूल के प्रोजेक्ट के लिए ऐसे ही कुछ लेख किये होते है जो आप ये लेख अपने छोटे भाइयो को जरूर शेयर करे इससे उन्होको काफी हद तक सहायता मिलेगी धन्यवाद।