Rabindranath Tagore Poems in Hindi || विश्विख्यात कवी रवीन्द्रनाथ टैगोर की प्रसिद्ध कविताएं
नमस्कार, दोस्तों आज एक बार फिर आपका हमारी पोस्ट पर स्वागत है। आपने हमारी पोस्ट पर कई महान कवियों जैसे- मुंशी प्रेमचंद, सरोजिनी नायडू, इत्यादि कवियों की कुछ प्रसिद्ध कविताएं जरूर पढ़ी होगी। लेकिन आज हम आप सभी के लिए एक ऐसे महान इंसान की कुछ लोकप्रिय कविता का कलेक्शन आपके साथ शेयर करने जा रहे है। मुझे उम्मीद है। आपको हमारी हिंदी कविता (Hindi Kavita) जरूर पसंद आएगी तो आइये चलते है हमारी पोस्ट Rabindranath Tagore Poems in Hindi की तरफ और इस महान इंसान की कुछ रचनाये पढ़ते है।
रवीन्द्रनाथ टैगोर जीवन परिचय- रवीन्द्रनाथ टैगोर का जन्म 7 मई 1861 को एक धनि परिवार में हुआ था। रविंद्रनाथ टैगोर एक प्रसिद्ध कवी के साथ साथ एक साहित्यकार भी थे इन्होने अपने जीवन मे कई लोकप्रिय रचनाये लिखी जिसमे से 2 रचनाओं को देश के सम्मान में जगह मिली जैसे- “जन गण मन” भारत का राष्ट्रीय गान के रूप में और “आमार सोनार बंगला” बांग्लादेश का राष्ट्रीय गान बनी हैं. और 7 अगस्त 1941 को इन्होने हम सबको इस देश से अलविदा कह गए।
Rabindranath Tagore Poems – रवीन्द्रनाथ टैगोर की कविता
Tagore Poems in Hindi
होंगे कामयाब
होंगे कामयाब,
हम होंगे कामयाब एक दिन
मन में है विश्वास, पूरा है विश्वास
हम होंगे कामयाब एक दिन।
हम चलेंगे साथ-साथ
डाल हाथों में हाथ
हम चलेंगे साथ-साथ, एक दिन
मन में है विश्वास, पूरा है विश्वास
हम चलेंगे साथ-साथ एक दिन।
– रवीन्द्रनाथ टैगोर
2. Rabindranath Tagore ki Kavita – तेरा आह्वान सुन कोई ना आए
तेरा आह्वान सुन कोई ना आए, तो तू चल अकेला,
चल अकेला, चल अकेला, चल तू अकेला!
तेरा आह्वान सुन कोई ना आए, तो चल तू अकेला,
जब सबके मुंह पे पाश..
ओरे ओरे ओ अभागी! सबके मुंह पे पाश,
हर कोई मुंह मोड़के बैठे, हर कोई डर जाय!
तब भी तू दिल खोलके, अरे! जोश में आकर,
मनका गाना गूंज तू अकेला!
जब हर कोई वापस जाय..
ओरे ओरे ओ अभागी! हर कोई बापस जाय..
कानन-कूचकी बेला पर सब कोने में छिप जाय…
patriotic poems in hindi by rabindranath tagore – गर्मी की रातों में
गर्मी की रातों में
जैसे रहता है पूर्णिमा का चांद
तुम मेरे हृदय की शांति में निवास करोगी
आश्चर्य में डूबे मुझ पर
तुम्हारी उदास आंखें
निगाह रखेंगी
तुम्हारे घूंघट की छाया
मेरे हृदय पर टिकी रहेगी
गर्मी की रातों में पूरे चांद की तरह खिलती
तुम्हारी सांसें, उन्हें सुगंधित बनातीं
मरे स्वप्नों का पीछा करेंगी।
desh bhakti poems in hindi by rabindranath tagore – रवींद्रनाथ टैगोर की देश भक्ति वाली कविता
प्रेम में प्राण में गान में गंध में
आलोक और पुलक में हो रह प्लावित
निखिल द्युलोक और भूलोक में
तुम्हारा अमल निर्मल अमृत बरस रहा झर-झर।
दिक-दिगंत के टूट गए आज सारे बंध
मूर्तिमान हो उठा, जाग्रत आनंद
जीवन हुआ प्राणवान, अमृत में छक कर।
कल्याण रस सरवर में चेतना मेरी
शतदल सम खिल उठी परम हर्ष से
सारा मधु अपना उसके चरणॊं में रख कर।
नीरव आलोक में, जागा हृदयांगन में,
उदारमना उषा की उदित अरुण कांति में,
अलस पड़े कोंपल का आँचल ढला, सरक कर।
rabindranath tagore kavita
“मन जहां डर से परे है और सिर जहां ऊंचा है;
ज्ञान जहां मुक्त है और जहां दुनिया को
संकीर्ण घरेलू दीवारों से छोटे छोटे टुकड़ों में बांटा नहीं गया है;
जहां शब्द सच की गहराइयों से निकलते हैं, जहां थकी हुई प्रयासरत बांहें
त्रुटि हीनता की तलाश में हैं, जहां कारण की स्पष्ट धारा है
जो सुनसान रेतीले मृत आदत के,वीराने में अपना रास्ता खो नहीं चुकी है;
जहां मन हमेशा व्यापक होते विचार और सक्रियता में, तुम्हारे जरिए आगे चलता है
और आजादी के स्वर्ग में पहुंच जाता है,ओ पिता परमेश्वर
मेरे देश को जागृत बनाओ”
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हां तो दोस्तों हमारी आजकी पोस्ट Rabindranath Tagore Poems in Hindi पर लिखा लेख आपको केसा लगा। दोस्तों इस लेख में आपको कवी रविंदनाथ टैगोर की कुछ महान रचनाओं से अवगत करवाया गया है। अगर आप भी रवीन्द्रनाथ टैगोर के प्रसंशक है। तो इनकी हिंदी कविताओं को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करना। धन्यवाद।