Atal Bihari Vajpayee poems in Hindi || अटल बिहारी की ये कविताये आपकी ज़िंदगी बदल देंगी
Atal Bihari Vajpayee poems in Hindi:- नमस्कार दोस्तों कैसे हो आज हमने आप सभी के लिए अटल बिहारी वाजपेयी की कविताये अर्थात कविताओं का संग्रह आपके साथ शेयर करने जा रहे है। ये सभी कविताये हमारे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी जी के माध्यम से सामजिक नागरिकता वे समाज को आधार मान कर लिख गई है। आप सभी जानते है की अटल बिहारी वाजपेयी हमारे पूर्व प्रधानमंत्री रह चुके थे। अटल बिहार जी को राजनीति के साथ साथ कविताएं लिखने का भी काफी शोक था और इन्होने अपने जीवन में ऐसी कई कविताये दी। काफी प्रसिद्ध वे लोकप्रिय भी हुई। अटल बिहारी वाजपेयी की कविताये इतनी प्रभावी होती थी की दुश्मनो के महू बंद हो जाया करते थे। इसलिए आज हम आपको इन लोकप्रिय इंसान की कविताओं की एक सुन्दर झलक आपके सामने प्रस्तुत कर रहे है। ताकि आप इन्होकी कविताओं में छुपे महत्व को समझ सके।
Atal Bihari Vajpayee poem – छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता lyrics
Best Poem By Atal Bihari Vajpayee – अटल बिहारी कविता हिंदी में
भारत जमीन का टुकड़ा नहीं,
जीता जागता राष्ट्रपुरुष है।
हिमालय मस्तक है, कश्मीर किरीट है,
पंजाब और बंगाल दो विशाल कंधे हैं।
पूर्वी और पश्चिमी घाट दो विशाल जंघायें हैं।
कन्याकुमारी इसके चरण हैं, सागर इसके पग पखारता है।
यह चन्दन की भूमि है, अभिनन्दन की भूमि है,
यह तर्पण की भूमि है, यह अर्पण की भूमि है।
इसका कंकर-कंकर शंकर है,
इसका बिन्दु-बिन्दु गंगाजल है।
हम जियेंगे तो इसके लिये
मरेंगे तो इसके लिये।
जो बरसों तक सड़े जेल में, उनकी याद करें।
जो फाँसी पर चढ़े खेल में, उनकी याद करें।
atal bihari vajpayee famous poems in hindi
याद करें काला पानी को,
अंग्रेजों की मनमानी को,
कोल्हू में जुट तेल पेरते,
सावरकर से बलिदानी को।
याद करें बहरे शासन को,
बम से थर्राते आसन को,
भगतसिंह, सुखदेव, राजगुरू
के आत्मोत्सर्ग पावन को।
अन्यायी से लड़े,
दया की मत फरियाद करें।
उनकी याद करें।
बलिदानों की बेला आई,
लोकतंत्र दे रहा दुहाई,
स्वाभिमान से वही जियेगा
जिससे कीमत गई चुकाई
मुक्ति माँगती शक्ति संगठित,
युक्ति सुसंगत, भक्ति अकम्पित,
कृति तेजस्वी, घृति हिमगिरि-सी
मुक्ति माँगती गति अप्रतिहत।
अंतिम विजय सुनिश्चित, पथ में
क्यों अवसाद करें?
famous atal bihari vajpayee poems – खून क्यों सफेद हो गया?
खून क्यों सफेद हो गया?
भेद में अभेद खो गया.
बंट गये शहीद, गीत कट गए,
कलेजे में कटार दड़ गई.
दूध में दरार पड़ गई.
खेतों में बारूदी गंध,
टूट गये नानक के छंद
सतलुज सहम उठी, व्यथित सी बितस्ता है.
वसंत से बहार झड़ गई
दूध में दरार पड़ गई.
अपनी ही छाया से बैर,
गले लगने लगे हैं ग़ैर,
ख़ुदकुशी का रास्ता, तुम्हें वतन का वास्ता.
बात बनाएं, बिगड़ गई.
दूध में दरार पड़ गई.
Best Poetry of Atal Bihari Vajpayee in Hindi – कौरव कौन, कौन पांडव
कौरव कौन
कौन पांडव,
टेढ़ा सवाल है|
दोनों ओर शकुनि
का फैला
कूटजाल है|
धर्मराज ने छोड़ी नहीं
जुए की लत है|
हर पंचायत में
पांचाली
अपमानित है|
बिना कृष्ण के
आज
महाभारत होना है,
कोई राजा बने,
रंक को तो रोना है|
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दोस्त मुझे उम्मीद है की आपको हमारी पोस्ट Atal Bihari Vajpayee poems in Hindi पर हमारे फेमस प्रधानमंत्री अटल बिहारी जी की कविताये पढ़कर मन और तन जोश से भर गया होगा। दोस्तों अब इन्होकी कविताये ही है जो हमे किसी भी परिस्तिथि से निकलने में श्यक रहेगी। क्योकि 16 अगस्त 2018 को प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी हम सभी को वे इस देश को हमेशा के लिए अलविदा कह गए। अगर आपका कोई सवाल है पोस्ट को लेकर तो आप कमेंट में पूछ सकते है।