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Prakriti Poem In Hindi || प्रकर्ति पर कविताएं

Prakriti Poem In Hindi:- आज हम आप सभी के लिए हमर पोस्ट पर प्रकर्ति से सम्बंधित कुछ शानदार कविताओं का संग्रह लाये है ये सभी कविताएं आपको प्रकर्ति की रक्षा करना उन्होकी देखभाल करना और किसी तरह से नुक्सान न पहोचाना है। दोस्तों आप सभी यह तक की हर एक जिव जंतु इस प्रकर्ति का ऋणी है। प्रकृति से हमको खाने को भोजन पिने को पानी फल, सब्जी, लकड़ी, ऐसी कई वस्तुए जो हमे हमेशा प्रकति से मिलती चली आई है। प्रकति से हमसे कुछ नहीं माँगा है सिवाए उसकी रक्षा और देखभाल के इसने हमेशा हमको कुछ न कुछ दिया ही है। तो अब हमारा भी कुछ फर्ज बनता है की हम प्रकति से मिली चीजों का सदुप्योग करे। आपकी हमरी पोस्ट कुछ इसी बारे में है। तो चलिए पढ़ते है प्रकृति के बारे में कुछ मजेदार कविताएं।

Prakriti Poem In Hindi – प्रकर्ति पर कविता 

Poem on Neture In Hindi

काली घटा छाई है
लेकर साथ अपने यह
ढेर सारी खुशियां लायी है
ठंडी ठंडी सी हव यह
बहती कहती चली आ रही है
काली घटा छाई है
कोई आज बरसों बाद खुश हुआ
तो कोई आज खुसी से पकवान बना रहा
बच्चों की टोली यह
कभी छत तो कभी गलियों में
किलकारियां सीटी लगा रहे
काली घटा छाई है
जो गिरी धरती पर पहली बूँद
देख ईसको किसान मुस्कराया
संग जग भी झूम रहा
जब चली हवाएँ और तेज
आंधी का यह रूप ले रही
लगता ऐसा कोई क्रांति अब सुरु हो रही
छुपा जो झूट अमीरों का
कहीं गली में गढ़ा तो कहीं
बड़ी बड़ी ईमारत यूँ ड़ह रही
अंकुर जो भूमि में सोये हुए थे
महसूस इस वातावरण को
वो भी अब फूटने लगे
देख बगीचे का माली यह
खुसी से झूम रहा
और कहता काली घटा छाई है
साथ अपने यह ढेर सारी खुशियां लायी है

Prakriti Par Kavita In Hindi For Class 7

वन, नदियां, पर्वत व सागर,
अंग और गरिमा धरती की,
इनको हो नुकसान तो समझो,
क्षति हो रही है धरती की।

हमसे पहले जीव जंतु सब,
आए पेड़ ही धरती पर,
सुंदरता संग हवा साथ में,
लाए पेड़ ही धरती पर।

पेड़ -प्रजाति, वन-वनस्पति,
अभयारण्य धरती पर,
यह धरती के आभूषण है,
रहे हमेशा धरती पर।

बिना पेड़ पौधों के समझो,
बढ़े रुग्णता धरती की,
हरी भरी धरती हो सारी,
सेहत सुधरे धरती की।

खनन, हनन व पॉलीथिन से,
मुक्त बनाएं धरती को,
जैव विविधता के संरक्षण की,
अलख जगाए धरती पर।

Nature Poem In Hindi

सुनो, प्रकृति की आकुल पुकार,
कहती है यह, वृक्ष मत काटो।
छलनी हो रहा शरीर हमारा,
अब तो हमारा क्रंदन सुन लो।

धरा भी क्षण-क्षण कह रही,
वृक्ष प्राणों का है आधार।
बंजर से इस सूने तन पर,
वृक्ष धरती का है श्रृंगार ।

मत चलाओ शस्त्र वृक्ष पर,
मानो यह ईश्वर का अनुदान है।
इन पेड़ों से भूजल स्तर भी बढ़ेगा,
समस्त जीवन हेतु ये वरदान है।

Best Prakriti Poem In Hindi

 

रह रहकर टूटता रब का कहर
खंडहरों में तब्दील होते शहर
सिहर उठता है बदन
देख आतंक की लहर
आघात से पहली उबरे नहीं
तभी होता प्रहार ठहर ठहर
कैसी उसकी लीला है
ये कैसा उमड़ा प्रकति का क्रोध
विनाश लीला कर
क्यों झुंझलाकर करे प्रकट रोष

अपराधी जब अपराध करे
सजा फिर उसकी सबको क्यों मिले
पापी बैठे दरबारों में
जनमानष को पीड़ा का इनाम मिले

हुआ अत्याचार अविरल
इस जगत जननी पर पहर – पहर
कितना सहती, रखती संयम
आवरण पर निश दिन पड़ता जहर

हुई जो प्रकति संग छेड़छाड़
उसका पुरस्कार हमको पाना होगा
लेकर सीख आपदाओ से
अब तो दुनिया को संभल जाना होगा

कर क्षमायाचना धरा से
पश्चाताप की उठानी होगी लहर
शायद कर सके हर्षित
जगपालक को, रोक सके जो वो कहर

बहुत हो चुकी अब तबाही
बहुत उजड़े घरबार,शहर
कुछ तो करम करो ऐ ईश
अब न ढहाओ तुम कहर !!
अब न ढहाओ तुम कहर !!

Prakriti Poem Hindi Mai – Hindi Kavita on Neture

मुझे नहीं सुख-दुःख की चिंता
मैं वृक्ष सन्यासी हूँ.
मुझसे ही जीवन हैं सबका
मैं अमर अविनाशी हूँ!
काट दो चाहे जड़ो को मेरी
मौत तुम्हारी ही आनी हैं!
मुझपे चलेगी जितनी कुल्हाड़ी
स्वाह तुमको ही हो जाना हैं!
मैं तो मर कर खाद बनूँगा
मिट्टी से जन्मा
मिटटी में ही घुलमिल जाऊँगा।
ये इंसानो अपनी सोचो
तुमको कौन बचा पायेगा
मिट जाएगी सारी हस्ती
वृक्ष ही प्राण बचाएगी
पैदा हुवे तुम जबसे
जलती धुप में भी
छाँव हमने ही पहुँचाया हैं
मैं ही वृक्ष अमर अविनाशी हूँ.
Prakriti has always given us what we need, but man in his greed is destroying Prakriti and with it, our own future. All the creatures that live on Earth are in danger because of human negligence. If we don’t act now to protect Prakriti se sambandhit Kavita in Hindi, prakriti poem in Hindi we will lose everything.
Prakriti Poem In Hindi : – दोस्तों हर साल प्रकृति दिवस 28 जुलाई को मनाया जाता है। इस दिन सभी प्रकृति से रिलेटेड शायरी, कोट्स, प्रकृति व्हाट्सअप स्टेटस आदि सर्च करते है। इस पोस्ट में आपको प्रकृति के बारे में कुछ कविताएं बताई गई है जो आपको बेहद पसंद भी आई होगी। अगर आपको इसमें से कोई भी कविता पसंद आई है तो आप उसे Social Media वे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करे। धन्यवाद। 

 

Nishant

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