Bachpan Poem in Hindi || बचपन पर दिल छू लेने वाली कविताएं
दोस्तों आज हम आपके लिए ऐसी पोस्ट लाये है जिसे पढ़कर बेशक आपका दिल बाग़ बाग़ हो जाएगा। आज हमने Bachpan Poem in Hindi पर आर्टिकल लिखा है भाइयो ये आर्टिकल हमने आपके लिए ही नहीं अपने लिए भी लिखा था हमने इसे अपने बचपन के आधार पर लिखा है। इस लेख को पढ़कर आपको अपने बचपन की याद आ जाएगी की कैसे हम अपने बचपन में शरारते करते थी किसी चीज का गम नहीं सिर्फ चेहरे पर एक प्यारी सी मुसकान के साथ मजे से अपनी माँ की गोद में जाकर सो जाते थे। ऐसी ही कुछ बचपन पर कविता आज हम आपके साथ शेयर करने जा रहे है। मुझे उम्मीद है आप ये पोस्ट पढ़ कर अपना बचपन जरूर याद करोगे
Bachpan Poem in Hindi – बचपन पर कविता हिंदी में
Bachpan par Kavita In Hindi
ख़्वाब था या हकीकत बीत गया जो बचपन हमारा
बेफिक्र थी वो जिन्दगी क्यों ना आती हैं वो लौटकर
कुछ इस तरह से बना भोली सूरत करते थे शैतानिया
शिकायतें भी हमारी हो जाती थी अनसुनी कभी कभी
करते हैं वो पल आज भी याद होठों पे लिए मुस्कान
काश रख पाते सहेजकर उन बचपन के लम्हों को हम
ख़्वाब था या हकीकत बीत गया जो बचपन हमारा
वेफिक्र थी वो जिन्दगी क्यों ना आती हैं वो लौटकर
गुजर गये हैं वो पल सारे बीएस रह गई हैं यादें उनकी
छूट गई वो बचपन की डोर ना जाने कब हाथों से हमारे
करता हूँ बेशुमार कोशिश आज भी दुबारा थामने की उसे
पर ना आती हैं वो नजर मालूम नहीं कहाँ हो गई ओझल
ख़्वाब था या हकीकत बीत गया जो बचपन हमारा
बेफिक्र थी वो जिन्दगी क्यों ना आती हैं वो लौटकर
Poem on Bachpan In Hindi
मैं डरता हूँ
अपना बचपना खोने से
सहेज कर रखा है उसे
दिल की गहराईयों में
जब भी कभी व्यवस्था
भर देती है आक्रोश मुझमें
जब भी कभी सच्चाई
कड़वी लगती है मुझे
जब भी कभी नहीं उबर पाता
अपने अंतर्द्वंद्वों से
जब भी कभी घेर लेती है उदासी
तो फिर लौट आता हूँ
अपने बचपन की तरफ
और पाता हूँ एक मासूम
एवं निश्छल-सा चेहरा
सरे दुख-दर्दों से परे
अपनी ही धुन में सपने बुनता।
Poem On Childhood Memories In Hindi
आई रे आई याद चली आई
वो खेलना, कूदना, वो छुपम छुपाई
वो छुट्टी के दिन, वो आलस भरी अंगड़ाई
रंग बिरंगी पतंगे हमने खूब उड़ाई
गिल्ली डंडे की आवाज भी लगाई
कागज की कश्ती पानी में चलाई
बारिश के गड्डों में छलांग भी लगाई
वो किताबों की दुनियां वो परीक्षा की घड़ियाँ
वो पढ़ना पढाना, वो आंसू वो बहाना
वो दोस्तों से लड़ना, वो रूठना मनाना
मुझे याद आता है वो बचपन सुहाना
यादों से भरा मेरा बचपन सुहाना
Bachpan Vaali Kavita Hindi Mai
बार बार आती है मुझको मधुर याद बचपन तेरी
गया ले गया तू जीवन की सबसे मस्त ख़ुशी मेरी
चिंता रहित खेलना खाना वह फिरना निर्भय स्वछन्द
कैसे भुला जा सकता है बचपन का अतुलित आनंद
ऊंच नीच का ज्ञान नहीं था छुआछूत किसने जानी
बनी हुई थी वहां झोपडी और चीथड़ों में रानी
किये दूध के कुल्ले मैंने चूस अंगूठा सुधा पिया
किलकारी किल्लोल मचाकर सूना घर आबाद किया
रोना और मचल जाना भी क्या आनन्द दिखाते थे
बड़े बड़े मोती से आंसू जयमाला पहनाते थे.
Best Bachpan Poem In Hindi
वो बचपन का दौर जो बीता
जिंदगी का सबसे पल था वो मीठा
कितनी प्यारी लगती थीं दादी और नानी
जो हमको सुनाती थीं किस्से और कहानी
छोटी सी खुशीयों में हँसना रो देना चोट जो लगी
घरवाले भी हमसे करते थे दिल्लगी
कहते मीठा फिर खिलाते जो तीखा
वो बचपन का दौर जो बीता
जिंदगी का सबसे पल था वो मीठा
कभी बनना था डॉक्टर कभी बनना था शायर
पल हर पल बदलते थे सपने
कोई थे भैया, कोई थे चाचा
हर कोई जैसे हों अपने
छोटी सी मुश्किल में चेहरा होता जो फीका
वो बचपन का दौर जो बीता
जिंदगी का सबसे पल था वो मीठा
पापा से डरना पर माँ से जो लड़ना
करके गुस्ताखी फिर उलझन में पड़ना
ना कोई गम था ना कोई डर था
बस खेल-खिलौनों का फिक़र था
बचपन का हर पल होता है अनूठा
वो बचपन का दौर जो बीता
जिंदगी का सबसे पल था वो मीठा
Read Best Bachpan Par Kavita
Bachpan Par Kavita:- Brothers, we are going to share some childhood poetry with you today. I hope you will definitely remember your childhood after reading this post.
We used to do mischief in our childhood, not sad about anything, only with a cute smile on our face, we used to go to sleep on our mother’s lap. Today we are going to share some such childhood poetry, Bachpan Kavita with you. I hope you will definitely remember your childhood after reading this post.
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